देवबंद। रमजान में जकात निकालने का 70 गुना सवाब: फारुकी
देवबंद। फतवा ऑनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि पवित्र रमजान माह के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस माह में जकात निकालने पर अल्लाह ताआला आम दिनों से 70 गुना सवाब देता है।
मुकद्दस रमजान के महीने की फजीलतों पर रोशनी डालते हुए मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि पूरे साल में किसी भी महीने और किसी भी दिन जकात निकाली जा सकती है। लेकिन अगर यही काम रमजान के महीने में किया जाए तो अल्लाह ताआला अपने बंदों को इस अमल के लिए 70 गुना सवाब देता है। उन्होंने कहा कि हराम माल में जकात वाजिब नहीं होगी। अगर किसी के पास हलाल व हराम माल मिला जुला है तो उसमें से हराम माल अलग करके देखा जाएगा। जिसके बाद जकात अदा की जाएगी। मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि अगर किसी औरत के पास निसाब के बराबर जेवरात हों या नकद रुपये हों तो इस पर जकात है। क्योंकि वह जेवरात की मालिक है इसके लिए उसे शौहर की इजाजत या मर्जी जरुरी नहीं है। उसे ये जकात अपने पास से अदा करनी चाहिए। अगर देने के लिए पैसे नहीं हैं तो जेवर बेचे, लेकिन जकात जरुर अदा करे। हां अगर शौहर बीवी की तरफ से दे दे या बीवी अपने शौहर से लेकर दे दे तो जकात अदा हो जाएगी।
शिबली इकबाल
Initiate News Agency (INA), देवबंद