कन्नौज। डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के चलते, किसान ने फिर से पुरानी पद्धति पर काम शुरू किया
कन्नौज। डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के चलते कन्नौज के एक किसान ने फिर से पुरानी पद्धति पर काम शुरू किया है। यह किसान अब तैयार फसल को ट्रैक्टर से न ढोकर बैलगाड़ी से बाजार व घर ले जा रहा है। किसान का कहना है कि इससे बचत भी होती है पर्दोशन भी नही फैलता। किसान का कहना है की बैलों को बेकार समझ आवारा छोड़ने से अच्छा है की उनका खेती में उपयोग किया जाये।
कन्नौज के किसान राघवेंद्र सिंह जब खेत मे तैयार खड़ी सरसों की फसल बैलगाड़ी पर लादकर आने घर जाने लगे तो लोग उन्हें देखकर कंजूस कहने लगे। जब बैलों का उपयोग कर बैलगाड़ी बनाने वाले किसान से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया की बैल ही हमारे लिये सबसे उपयोगी हैं।
राघवेंद्र सिंह (बैलों का उपयोग शुरू करने वाले किसान) |
उनका कहना है कि सबसे बड़ा फायदा कम खर्च का है। पशुपालन किसानों को पहले फसलों में न खाद डालने की जरूरत थी और न ही कीटनाशक दवाइयां मवेशियों की देखभाल में भी अतिरिक्त खर्च नहीं होता था। सबसे बड़ी बात हम इन्हें पालकर बैल बना ले तो न ये आवारा होंगे और न हमारी फ़सलों को नुकसान पहुंचाएंगे।
रईस खान
Initiate News Agency (INA), कन्नौज