नैमिषारण्य/सीतापुर। नैमिषारण्य के चौरासी कोसीय परिक्रमा समिति के अध्यक्ष बाबा भरतदास का हृदय गति रुक जाने से निधन
नैमिषारण्य/सीतापुर। नैमिषारण्य स्थित पहला आश्रम के महन्त और नैमिषारण्य के चौरासी कोसीय परिक्रमा समिति के अध्यक्ष बाबा भरतदास का बुधवार को प्रातः 4 बजे हृदय गति रुक जाने से नैमिषारण्य स्थित उनके आश्रम में निधन हो गया वो लगभग 71 वर्ष के थे। महन्त का अंतिम नैमिषारण्य से पहला गांव स्थित मुख्य आश्रम में सम्पन्न हुआ मुखाग्नि उनके शिष्य नन्हकूदास ने दी। आश्रम में संचालित संस्कृत माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्या सरोज सिंह ने बताया कि बाबा भरतदास का जन्म हरदोई जिले के साण्डी के निकट मुरौली गांव में हुआ था एवं 13 वर्ष की आयु में वो अपना घर छोड़कर नैमिष स्थित आश्रम आ गये एवं आश्रमीय व्यवस्था में सहयोग करते हुये अपने गुरु डण्कावाले बाबा के दिखाये रास्ते पर चलते हुये आश्रम के उत्थान में रात दिन लगे रहे एवं 2008 में देवीदास के निधन के बाद पीठाधीश्वर बनाये गये।
विदित हो कि पहला आश्रम के महन्त की अगुवाई में ही नैमिषारण्य की चौरासी कोसीय परिक्रमा निकलती है और नैमिषारण्य स्थित चक्रतीर्थ पर प्रातः 4 बजे पहला महन्त का डण्का बजने के बाद ही परिक्रमा का आरम्भ होता है, और पहला आश्रम का महन्त ही चौरासी कोसीय परिक्रमा समिति का अध्यक्ष होता है, गद्दी के स्वामित्व में वर्तमान समय में लबभग 25 से अधिक आश्रम संचालित हैं। बाबा जी अंतिम संस्कार में मुख्यरूप से बालाजी धाम हरदोई के महन्त नागेन्द्रदास, महन्त मदनमोहनदास मध्यप्रदेश, महामण्डलेश्वर कनकेश्वरी देवी, बनगढ़ महन्त सन्तोष दास खाकी, बघौली महन्त चन्द्र प्रकाश दास, मिश्रिख दधीचि आश्रम महन्त देवानन्द गिरी, हनुमान गढ़ी महन्त बजरंगदास, शास्वतानन्द, डगरहाबाबा, रामकृष्ण भार्गव, मुनीन्द्र अवस्थी, रामपाल राजवंशी, साकेत मिश्रा समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं संतगण मौजूद रहे उनका तेरहवीं संस्कार 21 फरवरी को होगा।
गौरव दीक्षित
Initiate News Agency (INA), नैमिषारण्य/सीतापुर