ग्रामीण क्षेत्रो मे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया गुड़िया पीटने का त्यौहार
ग्रामीण क्षेत्रो मे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया गुड़िया पीटने का त्यौहार
पिहानी- हरदोई : क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में नागपंचमी के दिन गुड़िया पीटने का त्यौहार परंपरागत ढंग से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया| गुड़िया को पीटने की परंपरा ग्रामीण अंचलों में नागपंचमी के दिन एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। यहां पर इस दिन गुड़िया को पीटा जाता है। गुड़िया पीटने की परंपरा से जुड़ी कथा भी प्रचलित है जो भोलनाथ के एक भक्त से जुड़ी है। इस कथा के मुताबिक, भोलेनाथ का एक परम भक्त हर दिन शिव मंदिर जाकर पूजा करता था और नाग देवता के दर्शन करता था।भक्त हर दिन नाग देवता को दूध पिलाता था। धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया। नाग देवता को भक्त से इतना लगाव हो गया कि वो उसे देखते ही अपनी मणि छोड़ उसके पैरों में लिपट जाता था।
एक दिन सावन के महीने में वो भक्त अपनी बहन के साथ उसी शिव मंदिर में आया।नाग हमेशा की तरह भक्त को देखते ही उसके पैरों से लिपट गया। ये दृश्य देखकर बहन भयभीत हो गई| उसे लगा कि नाग उसके भाई को काट रहा है।बहन ने भाई की जान बचाने के लिए उस नाग को पीट-पीटकर मार डाला इसके बाद जब भाई ने अपनी और नाग की पूरी कहानी बहन को सुनाई तो वह रोने लगी।वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि 'नाग' देवता का रूप होते हैं तुमने उसे मार दिया इसीलिए तुम्हें दंड मिलना चाहिए। हालांकि, यह पाप अनजाने में हुआ है इसलिए भविष्य में आज के दिन लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा। इस तरह नाग पंचमी के दिन गुड़िया पीटने की परंपरा पड़ी।
INA NEWS(Initiate News Agency)