लॉकडाउन की अफवाह के चलते फीका हुआ सम्भल का गुलाल
लॉकडाउन की अफवाह के चलते फीका हुआ सम्भल का गुलाल
सम्भल। होली बसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। होली पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली भारत का प्राचीन पर्व है जो होली, होलीका नाम से मनाया जाता है। वसंत ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने के कारण होली पर्व को बसंत उत्सव भी कहा जाता है। होली के दिन लोग रंगों से खेलते हैं। होली पर सम्भल के गुलाल का काफी महत्व है, सम्भल से बना हुआ गुलाल देश एवं विदेशों में भेजा जाता है।
सम्भल का बना अबीर गुलाल देश एवं विदेशों में अपना महत्व रखता है। जिस तरह ब्रज कि होली सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है। सम्भल की होली एवं सम्भल का बना गुलाल काफी प्रसिद्ध है। तो आज हम आपको सम्भल के इस गुलाल की पूरी कहानी बताने के लिए सम्भल की गुलाल फैक्ट्री के स्वामी हर्षित गुप्ता से जानकारी ली कि किस तरह से इन रंगों को तैयार किया जाता है और इनको बनाने में क्या क्या सामग्री प्रयोग में लाई जाती है।
उन्होंने बताया यहां का गुलाल अनेकों राज्य सहित विदेशों में भी भेजा जाता है। इसके साथ ही हमारा काम दिसंबर माह से शुरू हो जाता है और होलिका तक चलता है।
मगर जनवरी-फरवरी में तो काम अच्छा चला मगर अब कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की अफवाहों ने काम को फीका कर दिया है और काम 20 से 30 प्रतिशत घट चुका है। आगे उन्होंने बताया कि जब से भाजपा की सरकार आई है तो भगवा कलर की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है।
उवैश दानिश
आईएनए न्यूज़ एजेंसी, संभल-उत्तर प्रदेश