डीआरडीओ ने किया हेलिना मिसाइल का सफल परीक्षण
डीआरडीओ ने किया हेलिना
मिसाइल का सफल परीक्षण
नई दिल्ली| पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान
द्वारा आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों और चीन के साथ सीमा विवाद के बीच
रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के
हवाले से एक महत्वपूर्ण खबर आयी है। डीआरडीओं को अपनी हेलिना एंटी-टैंक मिसाइल को
एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव हेलीकॉप्टर से लॉन्च करने में सफलता मिली है। इस सफल
परीक्षण को भारत की रक्षा ताकत के लिए महत्व्पूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह आसमान
से भी दुश्मन के टैंकों पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।
हेलीना तीसरी पीढ़ी की
एंटी-टैंक मिसाइल है। आठ हेलिना मिसाइलों को हेलीकॉप्टर पर एकीकृत किया जा सकता
है। यह दिन हो या रात, किसी भी समय अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह परंपरागत हथियारों के
साथ-साथ विस्फोटक, रिएक्टिव हथियारों के साथ युद्धक टैंकों को नष्ट करने में
सक्षम है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि राजस्थान के
पोखरण में किए गए इस परीक्षण में हेलिना मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में 100
प्रतिशत सफल साबित हुई है। हेलिना एंटी-टैंक मिसाइल का परीक्षण 7 किलोमीटर के
न्यूनतम और अधिकतम रेंज में मिसाइल की क्षमता को आंकने के लिए किया गया है।
न्यूनतम और अधिकतम रेंज
में मिसाइल क्षमताओं के मूल्यांकन के लिए पाँच मिशन संचालित किए गए । मिसाइलों को
यथार्थवादी, स्थिर
और चलते हुए लक्ष्यों के खिलाफ होवर और मैक्स फॉरवर्ड फ्लाइट में फायर किया गया। न्यूनतम
और अधिकतम रेंज में मिसाइल क्षमताओं के मूल्यांकन के लिए चार मिशन अंजाम दिए गए
हैं। जबकि, एक मिशन युद्धक मिसाइल के साथ पुराने टैंक के खिलाफ था। रक्षा मंत्रालय
के वक्तव्य में बताया गया है कि इस मिशन के उद्देश्यों को पूरा कर लिया गया है।
हेलिना टैंक-रोधी
मिसाइलों का परीक्षण भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के संयुक्त यूजर परीक्षणों के
दौरान किया गया। डीआरडीओ ने ट्वीट कर कहा है कि 'हेलिना (आर्मी वर्जन) और ध्रुवास्त्र (एयरफोर्स वर्जन) के लिए
ज्वाइंट यूजर ट्रायल एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) प्लेटफॉर्म से रेगिस्तानी रेंज में किया गया।'
यह परीक्षण भारतीय सेना और वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का हिस्सा है। यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है। इसे डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। सफल परीक्षण के बाद अब यह मिसाइल भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। डीआरडीओ के प्रमुख डॉ जी. सतीश रेड्डी ने इस मिसाइल के परीक्षण से जुड़ी टीम को इस सफलता पर बधाई दी है।
INA NEWS(Initiate News Agency)