जेलीफिश की बढ़ती आबादी से संकट में सार्डिन मछलियां
जेलीफिश की बढ़ती आबादी से संकट में सार्डिन मछलियां
नई दिल्ली| प्रकृति में अनेक प्रकार
केजीव-जन्तु पाए जाते हैं, जो पारिस्थितिक तंत्र के अनुरूप विकसित हुए हैं। लेकिन मनुष्य ने अपने विकास के
क्रम में न केवल पारिस्थितिक तंत्र को बिगाड़ा है बल्कि वन्य जीवों और समुद्री
जीवों के अस्तित्व पर भी खतरा पैदा कर दिया है।
एक लिखित प्रश्न के उत्तर में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने लोकसभा को सूचित किया कि समुद्री
मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) ने अपने अध्ययन में पाया है कि अरब सागर में
बढ़ते तापमान के कारण जेलीफिश की संख्या में वृद्धि हुई है। जेलीफिश की तेजी से
बढ़ती संख्या बड़े पैमाने पर सार्डिन मछलियों के लार्वा
को खा रही है जिससे उनकी संख्या में भारी कमी
आई है। अध्ययन में पाया गया कि मन्नार की खाड़ी और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूहों
पर कोरल ब्लीचिंग की घटनाओं के साथ ही अधिकांश अल-नीनो की घटनाएं दर्ज हुई है जो
समुद्र के बढ़ते तापमान का संकेत देती है।
दंशहीन जेलीफिश
कुछ अन्य अध्ययनों में भी जेलीफिश के बारे में दिलचस्प तथ्य
सामने आए हैं। न्यूजीलैंड केनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर ऐंड एटमॉस्फेरिक रिसर्च
(एनआईडब्लूए) के एक अध्ययन के अनुसार जेलीफिश की बढ़ती संख्यासमुद्र तटों पर
पर्यटन-गतिविधियों को प्रभावित कर सकती
है। इसके साथ ही, वैज्ञानिक यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि
अत्यधिकप्रदूषण के कारण बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग से महासागरों में जेलीफिश की
संख्या क्यों बढ़ रही है? जबकि,ग्लोबल
वार्मिंग के कारण अधिकांश समुद्री जीवों की संख्या कम हो रही है।
आमतौर पर मछली की श्रेणी में गिनी जाने वाली जेलीफिशवास्तव
में मूंगों और एनीमोन के परिवार की सदस्य है। इस प्रजाति
की गणना सबसे जहरीले समुद्री जीवों में की जाती है। जेलीफिश की प्रजातियों में सबसे खतरनाक लायन्स मैन जेलीफिश मानी जाती
है। जेलीफिश, मछली का अंडा और लार्वा के साथ-साथ छोटी-छोटी मछलियों को भी अपना
आहार बनाती है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने संसद में कहा है कि समुद्री प्रजातियों के संरक्षण के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का इस विषय पर बेहतर समझ बनाने के लिए वर्ष 2021-2026 की अवधि के दौरान समुद्री जीव संसाधनों के सतत् अध्ययन को जारी रखने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का भौतिक प्रक्रियाओं के अध्ययन, जैव-भू-रासायनिकी तथा जैविक प्रतिक्रिया के कारण अरब सागर में होने वाली विभिन्न पारिस्थितिकी प्रतिक्रियाओं और विभिन्न समुद्री प्रजातियों के जैव-सूचीकरण सहित समुद्री जीव संसाधनों के अध्ययन को भी जारी रखने का प्रस्ताव है।
INA NEWS(Initiate News Agency)