गायकी समाज ने सौपीं आखरी पाती कहा ,कलेक्ट्रेट में करेंगे आत्मदाह
गायकी समाज ने सौपीं आखरी पाती कहा ,कलेक्ट्रेट में करेंगे आत्मदाह
भ्रष्ट अधिकारियों के कारण नही बन रहे जाति प्रमाणपत्र, एसटी वर्ग से निकालकर शासन की योजनाओं से किया जा रहा है वंचित
बैतुल| मध्यप्रदेश के बैतुल में गायकी समाज आज बड़ी संख्या में जिला कलेक्ट्रेट पहुँचा कहा भ्रष्ट अधिकारियों के कारण नही बन रहे जाती प्रमाणपत्र दरअसल समाज के अध्यक्ष का कहना है कि एक तरफ तो मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जनजाति वर्ग को लाभान्वित करने हेतु अनेको योजनाओं को तोहफे स्वरूप परोसकर डिण्डोरा पिट रही है कि हमने आदिवासियों भी बहनों के परिवार को अमुख अमुख योजना में इतने इतने लोगों को लाभांवित किया है किंतु देखा जाए तो आंकड़े ही सही नही होते इसके पीछे हमारे कुछ कामचोर कर्मचारीयो की लापरवाही होती है|
जिसके कारण शासन झूठे आंकड़े सही करने के लिए योग्य कर्मचारियों की मदद लेनी पड़ती है ऐसी स्थिति में मुलताई तहसील के राजस्व विभाग की है अपने कार्य के प्रति सजग व जवाबदेही न बरतकर राजस्व विभाग मुलताई के कर्मचारी के द्वारा गायकी जाती को एसटी वर्ग से निकालकर लाभ से वंचित करने की दृष्टि से गोंड जाति के साथ बोली, भाषा, रहन, सहन से तुलना करते हुए 60 वर्षों से लगातार बनते आ रहे गायकी जाति के प्रमाण पत्रों पर रोक लगा दी गई है|
जबकि शासन द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग को 1950 से संविधान में दिए गए प्रावधानों व आर्थिक कमजोरी के आधार पर एसटी की सूची में शामिल किया गया है ।
मुलताई तहसील के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा अपनी मनमर्जी जाति प्रमाण पत्र नही बनाये जा रहे जिसके सम्बन्ध में 12 बार ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को सूचना दी जा चुकी है और इस बार आखरी पाती के रूप में ज्ञापन सौपा गया है अगर इस पर कार्यवाही नही की जाती तो समाज के लोगो ने कलेक्ट्रेट में आकर आत्मदाह करने की बात कही है।