वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के लिए छात्रों को प्रशिक्षण देगा इसरो
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के लिए छात्रों को प्रशिक्षण देगा
इसरो
नई दिल्ली| भारतीय
अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नीति
आयोग ने स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति विकसित करने के उद्देश्य से एक संयुक्त
पहल की घोषणा की है। इसरो अब स्कूली छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी,
इंजीनियरिंग एवं गणित (STEM), अंतरिक्ष शिक्षा और अंतरिक्ष
प्रौद्योगिकीजैसे विषयों पर शिक्षण-प्रशिक्षण देने जा रहा है। छात्रों में
वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने उद्देश्य से शुरू की गई इस पहल के अंतर्गत इसरो 100
अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL)
को गोद ले रहा है। सोमवार को एक वर्चुअल मीटिंग में इसरो और अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग ने
मिलकर यह निर्णय लिया है।
नीति आयोग द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस संयुक्त
पहल के जरिये इसरो, छात्रों को
शिक्षण-प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देगा। इसरो केंद्रों के वैज्ञानिक और इंजीनियर, अपने क्षमता
निर्माण कार्यक्रम कार्यालय के सहयोग से छात्रों के संपर्क में रहेंगे और उनका
मार्गदर्शन करेंगे। वे अटल टिंकरिंग लैब्स में शिक्षकों से बातचीत भी करते रहेंगेऔर
छात्रों को अंतरिक्ष अध्ययन,
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित नई खोजों के लिए प्रेरित करेंगे।
इस पहल से छात्रों को सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक रूप से ऐप
आधारित विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित के बारे में जानकारी मिल
सकेगी। इसके साथ-साथछात्र इलेक्ट्रॉनिक्स,
भौतिकी, प्रकाश
विज्ञान, अंतरिक्ष
प्रौद्योगिकी, द्रव्य
विज्ञान जैसे कई विषयों परजानकारियां प्राप्त कर सकेंगे।
इसरो प्रमुख डॉ. के. सिवन ने उम्मीद व्यक्त की है कि इस पहल
के स्कूली छात्रों को परंपरागत शिक्षण से आगे बढ़कर प्रयोगात्मक शिक्षण की भावना
को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने अटल टिंकरिंग लैब्स के छात्रों को आंध्र प्रदेश के
श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रॉकेट प्रक्षेपण देखने के लिए
आमंत्रित करने की बात भी कही है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ
कांत ने इस परियोजना पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा है कि इसरो के वैज्ञानिक,अंतरिक्ष
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भविष्य के वैज्ञानिकों और युवा अन्वेषकों का
मार्गदर्शन करेंगे।
देशभर में सात हजार से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स हैं, जिन्हें अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग ने स्थापित किया है। इन लैब्स के जरिये छठवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के 30 लाख से अधिक छात्रों को जोड़ा गया है। इन लैब्स का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए प्रेरित, प्रोत्साहित एवं प्रशिक्षित करना है, ताकि उनमें विज्ञान के प्रति रुचि बढ़े और वे जिज्ञासु होकर समस्याओं के समाधान तलाश सकें।
आईएनए न्यूज़ एजेंसी