आईआईटी से मोतीझील के बीच 9 किमी. लंबे प्रयॉरिटी कॉरिडोर के सिविल निर्माण का क्रियान्वयन जारी
आईआईटी से मोतीझील के बीच 9 किमी. लंबे प्रयॉरिटी कॉरिडोर के सिविल निर्माण का क्रियान्वयन जारी
कानपुर| मेट्रो परियोजना के अंतर्गत, जिस प्रतिबद्धता एवं कुशल रणनीति के साथ सिविल निर्माण कार्य हो रहा है, वह देश की अन्य सभी मेट्रो परियोजनाओं के लिए एक मिसाल की तरह है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के इंजीनियर सभी सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करते हुए, आईआईटी से मोतीझील के बीच, 9 किमी. लंबे प्रयॉरिटी कॉरिडोर के सिविल निर्माण का क्रियान्वयन कर रहे हैं।
पिछले महीने, पूरे प्रयॉरिटी कॉरिडोर की पाइलिंग का काम पूरा करने के बाद, अब यूपी मेट्रो के इंजीनियरों ने उक्त सेक्शन के अंतर्गत तैयार होने वाले 506 पाइल कैप्स में से 400 पाइल कैप्स का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। बता दें कि मेट्रो की अवसंरचना को मज़बूत नींव प्रदान करने के लिए, ज़मीन के अंदर पाइल्स तैयार किए जाते हैं और पाइल्स के समूहों को एकीकृत करते हुए उनपर पाइल कैप्स का निर्माण होता है और फिर इन्हीं पर मेट्रो के उपरिगामी ढांचे के पियर्स (पिलर्स) खड़े किए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त, मेट्रो स्टेशनों की फ़िनिशिंग एवं मेट्रो डिपो का सिविल निर्माण कार्य भी ज़ोरों पर है। प्रयॉरिटी कॉरिडोर के पहले मेट्रो स्टेशन आईआईटी पर फ़िनिशिंग के काम के तहत, प्री-इन्जीनियर्ड बिल्डिंग (पीईबी) का इरेक्शन (परिनिर्माण) पूरा हो गया है।
आईआईटी में कुल 22 पीईबी कॉलम रखे गए हैं और अब इनपर गैल्वनायज़्ड शीट (अपारदर्शी) और पॉली-कार्बोनेट शीट (पारदर्शी) लगाई जाएँगी, जो उपरिगामी मेट्रो स्टेशन को ऊपर से ढंकने का काम करेंगी। ये स्ट्रक्चर पूरी तरह सुदृढ़ होते हैं और इनके इस्तेमाल से समय की बचत होती है, जो हमेशा से ही यूपी मेट्रो के इंजीनियरों की प्राथमिकता रही है।
आईएनए न्यूज़ एजेंसी|