हर व्यक्ति को अपने अधिकार के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है- जसविंदर सिंह बजाज
हर व्यक्ति को अपने अधिकार के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है- जसविंदर सिंह बजाज
मदरसा नूरूल हुदा में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस
सम्मान समारोह में सभी धर्मों के लोगो को शाल व प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित
शाहजहांपुर। बृहस्पतिवार को मदरसा नूरूल हुदा बिजलीपुरा में विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर संगोष्ठी व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथियों ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों के प्रति जागरूक रहने पर जोर दिया। अल्पसंख्यक वर्ग के विशिष्ट जनों को सम्मानित किया गया।
मदरसा में आयोजित कार्यक्रम में अल्पसंख्यक वर्ग के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जसविंदर सिंह बजाज, मेथोडिस्ट चर्च के पादरी वाई जे दास, बौद्ध प्रचारक भंते आनंद जी, अनुज प्रभा, प्रधानाचार्य मो. आमीन, स्काउट गाइड से निकहत परवीन, दपिंदर कौर, खिलाड़ी गुलबहारं, अधिवक्ता गुलिस्तां, कवयित्री वीनस जैन, शीबा इजेकिल, राशिद हुसैन राही, मौलाना इमरान कासमी, संजय जैन, ट्रेफिक से सतनाम सिंह, सरताज खां आदि को शाल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि जसविंदर सिंह बजाज ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने अधिकार के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। भंते आनंद जी ने कहा कि शिक्षित होकर ही हम अपने अधिकारो को पा सकते हैं।
महिला कल्याण अधिकारी रेखा शर्मा ने कहा कि सभी बालिकाओं को शिक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिए। अनुज प्रभा ने कहा कि बालिकाओं को अपना मकसद बनाने की जरूरत है। तभी वह कामयाव हो सकती है। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डा ओपी गौतम ने कहा कि हर मानव को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। प्रधानाचार्य इकबाल हुसैन उर्फ फूल मियां ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन राशिद हुसैन राही ने किया।
कार्यक्रम में महबूब हुसैन, मो. अनीस, जावेद अख्तर कासमी, मो. आमिर खां, तसदीक खां, रिजवान अत्तारी, कप्तान कर्णधार, सबीहा सुल्ताना, तमहीद बेगम, मुईन खां, सैयद शारिक अली, सैयद हैदर अली, अब्दुल कादिर खां,, हाफिज जहूर खां, शारिक अली, खां, ममनून, मोबीन खां, निफासद खां आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में छात्राओं फिजा, नूर फातमा, रोमाना, गुलिस्तां, इरम अंसारी, अलफिता, अमरीन आदि ने लघु नाटक के माध्यम से शिक्षा की अलख जगाने का संदेश दिया। निर्दैशन शारिक अली ने किया। कार्यक्रम में कविता और शायरी का दौर चला। शायर आफताब कामिल, मलिक असमत अली, मो. अफरोज खां, गुलिस्तां खान, वीनस जैन, राशिद हुसैन राही आदि ने गीतों व गजलों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और भाई चारे का पैगाम दिया।
फ़ैयाज़ उद्दीन, शाहजहाँपुर