विज्ञान में छात्राओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए डीएसटी और आईबीएम की साझेदारी
विज्ञान
में छात्राओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए डीएसटी और आईबीएम की साझेदारी
नई दिल्ली (इंडिया साइंस वायर): विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (Science, Technology,
Engineering, Mathematics - STEM) विषयों
में महिलाओं की भागीदारी बेहद कम है। इन विषयों में रुचि रखने वाली मेधावी
लड़कियों के लिए मौजूदा अवसरों का अब विस्तार किया जा रहा है। इस नयी पहल के तहत
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम
की भारतीय इकाई के साथ एक नयी साझेदारी की घोषणा की है। इस पहल के अंतर्गत डीएसटी
द्वारा संचालित ‘विज्ञान ज्योति’ और ’एंगेज विद साइंस’कार्यक्रमों का विस्तार किया जाएगा।
विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक ताजा बयान में यह जानकारी दी गई है और कहा
गया है कि इस पहल से युवाओं, विशेषकर लड़कियों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे विषयों को बढ़ावा मिल सकेगा।
‘विज्ञान ज्योति’योजना नौवीं से बारहवीं तक की मेधावी छात्राओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित विषयों में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने
में मदद एवं प्रोत्साहन देने के लिए वर्ष 2019 में शुरू की गई है। जबकि, विज्ञान
प्रसार द्वारा संचालित ‘एंगेज
विद साइंस’ के तहत छात्रों, शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों का एक
समुदाय बनाकर छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि विकसित करने और उन्हें उच्च
शिक्षण संस्थानों से जोड़ने के प्रयास किए जाते हैं।
डीएसटी सचिव प्रोफेसर
आशुतोष शर्मा ने इस साझेदारी की घोषणा करते हुए कहा है कि “आईबीएम के साथ यह साझेदारी डीएसटी एवं
विज्ञान प्रसार द्वारा संचालित कार्यक्रमों की पहुँच छात्रों एवं शिक्षकों के बीच
बड़े पैमाने पर बढ़ाने में प्रभावी हो सकती है। लर्निंग प्लेटफॉर्म ‘एंगेज विद साइंस’ से देश के युवाओं में वैज्ञानिक
दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। यह पहल स्कूली छात्रों से सीधे
जुड़कर उन्हें कक्षा के बाहर भी हर पल कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करेगी। ‘एंगेज विद साइंस’ एक ऐसा मंच है, जिसके जरिये डिजिटल
उपकरणों की मदद से छात्र सीधे तौर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित सामग्री,
जिसमें क्लाउड, बिग डेटा इत्यादि शामिल है, का उपयोग कर सकते हैं।”
'विज्ञान
ज्योति'
कार्यक्रम के तहत एक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसके
तहत वैज्ञानिक संस्थानों की यात्रा, विज्ञान शिविर, प्रख्यात महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यानों, और करियर परामर्श का लाभ छात्राओं को मिल सकता है। इस
कार्यक्रम को वर्तमान में जवाहर नवोदय विद्यालय द्वारा 58 जिलों में लागू किया गया है, जिसमें लगभग 2900 छात्र-छात्राओं की भागीदारी है।
प्रोफेसर आशुतोष शर्मा
ने बताया कि “आगामी पाँच वर्षों
में, हम
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी धाराओं में नामांकित छात्राओं के अनुपात को इस
क्षेत्र में नामांकित कुल संख्या के एक तिहाई तक बढ़ाना चाहते हैं।” बताया जा रहा है किआईबीएम इंडिया के साथ यह साझेदारी इस
क्षेत्र में डीएसटी की वर्तमान गतिविधियों को मजबूत करेगी और भविष्य में अधिक
स्कूलों को इसमें शामिल किया जाएगा। आईबीएम इंडिया में काम करने वाली महिला तकनीकी
विशेषज्ञ छात्राओं को विज्ञान विषयों में करियर की योजना बनाने के लिए प्रेरित
करेंगी।
इस साझेदारी के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ के ‘एंगेज विद साइंस’ कार्यक्रम सहित विज्ञान संचार को बढ़ावा देने के लिए अन्य रणनीतिक पहलों पर भी आईबीएम ने साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की है। ‘एंगेज विद साइंस’इंडिया साइंस नामक ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध एकइंटरैक्टिवमंचहै, जो छात्राओं को विज्ञान में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।
(इंडिया साइंस
वायर)