गोरखपुर पुलिस दे रही है अपराधियों को संरक्षण, SSP ने दी कड़ी चेतावनी
गोरखपुर पुलिस दे रही है अपराधियों को संरक्षण, SSP ने दी कड़ी चेतावनी
गोरखपुर। जिले के मोहद्दीपुर में फिल्मी अंदाज में फायरिंग कर दशहत फैलाकर प्रॉपर्टी डीलर जितेंद्र यादव को गोली मारने के मामले में बदमाशों से पुलिस वालों ने ही दोस्ती निभाई है। पुलिस की जांच में पता चला है कि वारदात के बाद बदमाश कहीं फरार नहीं हुए थे, बल्कि एक दारोगा के घर रात गुजारी थी।
इसके अलावा कुछ अन्य पुलिस वालों की भूमिका भी संदेह के दायरे में आ गई है। विनय सिंह की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर पुलिस को कई ऐसी तस्वीरें हाथ लग गई हैं जो पुलिस वालों से उसके रिश्ते को उजागर कर रही है। यह कोई नई बात तो नहीं है, मगर अब इसकी मॉनीटरिंग खुद एसएसपी कर रहे हैं तो मामला खुलकर सामने आने लगा है। जानकारी के मुताबिक, वारदात से पहले चौकी पर समझौता और फिर अगले दिन फायरिंग के बाद दारोगा केएन शाही के पुत्र प्रिंस शाही की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा हो गया था। इसी वजह से एसएसपी ने पुलिस वालों की भी जांच का आदेश दे दिया था। पुलिस कॉल डिटेल की मदद से बदनाम पुलिस वालों की तलाश कर रही है, जो बदमाशों के शरणदाता बन जाते हैं।
विनय सिंह के पकड़े जाने के बाद साफ हो गया है कि घटना के बाद आरोपी कहीं भी फरार नहीं हुए थे। सीडीआर से पता चला है कि वह रात उसी इलाके में गुजारे थे। कुछ दारोगा पुत्र प्रिंस के घर में सोए थे, कुछ आसपास के इलाके में मौजूद थे। शुभम सिंह सिंघाड़ा और अविनाश के बीच मारपीट होने के बाद जिस घटना की पुलिस को सूचना मिली थी, उसमें भी पुलिस ने यूं ही समझौता नहीं कराया था। पता चला है कि उस मामले में पुलिस वालों की ही पैरवी आई थी, जिसके बाद चौकी इंचार्ज समझौता कराने पर राजी हो गए थे।
बताया तो यह भी जा रहा है कि यहां से स्थानांतरण पर बाहर जा चुके एक पुलिस अफसर से पवन सिंह के नजदीकी रिश्ते हैं, जिनकी पैरवी भी आई थी। यह पैरवी भी विनय सिंह ने ही कराई थी। इस पूरे प्रकरण में पुलिस की किरकिरी होने की वजह से एसएसपी खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं। पुलिस वालों की भूमिका संदेह के घेरे में आने के बाद से ही उन्होंने जांच का भी आदेश दे दिया है। पुलिस कॉल डिटेल के जरिए उन पुलिस वालों तक पहुंचना चाहती है, जो बदमाशों के मददगार बने हुए हैं।
एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस एक-एक बिंदु पर काम कर रही है। पुलिस वालों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। कोई आरोपी बच नहीं पाएगा। शरणदाता भी जेल भेजे जाएंगे। कोशिश यही है कि इस मामले में ऐसी कार्रवाई की जाए कि कोई भी दोबारा ऐसी हिम्मत ना कर सके। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
संजय राजपूत
रीजनल एडीटर गोरखपुर