गला घोंटू बीमारी ने ले ली आबिदा की जान, घर में मचा कोहराम
गला घोंटू बीमारी ने ले ली आबिदा की जान, घर में मचा कोहराम
शाहजहांपुर.
एक मजदूर की बेटी पर गला घोटू बीमारी ने किया हमला घर वालों ने कई दिनों से शाहजहांपुर के अस्पतालों में चक्कर लगा रहे थे. मगर सही इलाज नहीं मिला. उसके बाद मजबूर होकर सीएचसी फरीदपुर पहुंचकर गला घोंटू नाम की बीमारी का इलाज कराया. 2 दिन तक वहां आराम मिला. उसके बाद हालत फिर बिगड़ गई और आज उस मासूम आबिदा ने जिंदगी से हार मान ली और उसकी मौत हो गई ये जानकारी आबिदा के मामा मोहसिन खाँन दी.
12 वर्षीय आबिदा शाहजहांपुर के मोहल्ला लोदीपुर के मजदूर यूसुफ की बेटी है. शुक्रवार को उसे हल्का बुखार आया और उसे गले में तकलीफ महसूस हुई तो घर वालों ने शाहजहांपुर के कई अस्पतालों मैं उस को दिखाया. मगर आराम नहीं मिला। फिर उसकी जांच के बाद डॉक्टर ने बताया इसको गला घोटू बीमारी है. उसके बाद शाहजहांपुर में उसका इलाज हुआ. जब सुधार नहीं हुआ तो फरीदपुर लेकर पहुंचे और सीएचसी में उसका इलाज शुरू हुआ. मगर अफसोस 2 दिन के आराम के बाद भी उसकी जान को बचाया नहीं जा सका और आज सुबह उसकी मौत हो गई इसकी खबर जब घरवालों को मिली तो कोहराम मच गया।
यह बीमारी का कारण ....
कोराइन बैक्टीरिया..
डिप्थीरिया नामक जीवाणु होता है यह संक्रमण बच्चों में एक दूसरे की पेंसिल लेखनी आदि वस्तुओं को मुंह में रख लेने से शरीर में प्रवेश कर जाता है इससे गले में झिल्ली बनने लगती है यह बैक्टीरिया कफ के माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है यह पूरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है इससे हृदय की पेशियों में सूजन आ जाती है जिसके कारण मरीज की जान भी चली जाती है।
इससे एक सबक यह भी मिलता है कि जो छोटे बच्चे होते हैं परिवार के लोग अपने बच्चों को ऐसी वस्तुओं को मुंह में डालने से रोके व समझाएं जिससे बच्चों को इस गला घोटू बीमारी से बचा जा सके।
फैयाज़ उद्दीन, शाहजहांपुर
शाहजहांपुर.
एक मजदूर की बेटी पर गला घोटू बीमारी ने किया हमला घर वालों ने कई दिनों से शाहजहांपुर के अस्पतालों में चक्कर लगा रहे थे. मगर सही इलाज नहीं मिला. उसके बाद मजबूर होकर सीएचसी फरीदपुर पहुंचकर गला घोंटू नाम की बीमारी का इलाज कराया. 2 दिन तक वहां आराम मिला. उसके बाद हालत फिर बिगड़ गई और आज उस मासूम आबिदा ने जिंदगी से हार मान ली और उसकी मौत हो गई ये जानकारी आबिदा के मामा मोहसिन खाँन दी.
12 वर्षीय आबिदा शाहजहांपुर के मोहल्ला लोदीपुर के मजदूर यूसुफ की बेटी है. शुक्रवार को उसे हल्का बुखार आया और उसे गले में तकलीफ महसूस हुई तो घर वालों ने शाहजहांपुर के कई अस्पतालों मैं उस को दिखाया. मगर आराम नहीं मिला। फिर उसकी जांच के बाद डॉक्टर ने बताया इसको गला घोटू बीमारी है. उसके बाद शाहजहांपुर में उसका इलाज हुआ. जब सुधार नहीं हुआ तो फरीदपुर लेकर पहुंचे और सीएचसी में उसका इलाज शुरू हुआ. मगर अफसोस 2 दिन के आराम के बाद भी उसकी जान को बचाया नहीं जा सका और आज सुबह उसकी मौत हो गई इसकी खबर जब घरवालों को मिली तो कोहराम मच गया।
यह बीमारी का कारण ....
कोराइन बैक्टीरिया..
डिप्थीरिया नामक जीवाणु होता है यह संक्रमण बच्चों में एक दूसरे की पेंसिल लेखनी आदि वस्तुओं को मुंह में रख लेने से शरीर में प्रवेश कर जाता है इससे गले में झिल्ली बनने लगती है यह बैक्टीरिया कफ के माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है यह पूरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है इससे हृदय की पेशियों में सूजन आ जाती है जिसके कारण मरीज की जान भी चली जाती है।
इससे एक सबक यह भी मिलता है कि जो छोटे बच्चे होते हैं परिवार के लोग अपने बच्चों को ऐसी वस्तुओं को मुंह में डालने से रोके व समझाएं जिससे बच्चों को इस गला घोटू बीमारी से बचा जा सके।
फैयाज़ उद्दीन, शाहजहांपुर