हिन्दी दिवस के अवसर पर इस्लामिया इण्टर कालेज, शाहजहाँपुर में विचार गोष्ठी का आयोजन
हिन्दी दिवस के अवसर पर इस्लामिया इण्टर कालेज, शाहजहाँपुर में विचार गोष्ठी का आयोजन
शाहजहाँपुर.
सोमवार को हिन्दी दिवस के अवसर पर इस्लामिया इण्टर कालेज, शाहजहाँपुर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के शिक्षकों ने अपने- अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर पर विचार रखते हुए हिन्दी प्रवक्ता डाक्टर मलिक असमत अली साहब ने कहा कि हिन्दी विश्व में बोली जाने वाली मात्र ऐसी भाषा है जो जिस प्रकार से बोली जाती है उसी प्रकार से लिखी भी जाती है। कालेज के प्रधानाचार्य मोहम्मद आमीन ने कहा कि हिन्दी दिवस एवं विश्व हिन्दी दिवस दो विभिन्न तिथियों में मनायी जाती है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने हिन्दी को राज भाषा का दर्जा दिया था. इसी कारण से 14 सितम्बर को भारत में हिन्दी दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया था।
10 जनवरी सन् 1975 को पहला विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन नागपुर में किया गया था, जिसके कारण 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में इस तिथि को मनाये जाने की घोषणा की थी।
मोहम्मद अफरोज़ खान ने अपने विचार में कहा कि हिन्दी व उर्दू दो अलग-अलग भाषाओं का एक संगम है जिनके रूप तो दो है मगर आत्मा एक ही है ।वास्तविकता यह है कि उर्दू और हिन्दी इन्सान की दो भुजाओं के समान है। एक भुजा उर्दू जो दाहिने तरफ़ से कार्य करती है और दूसरी भुजा हिन्दी जो बायें तरफ से कार्य करती है। ऐसी स्थिति में अगर इन्सान की एक भुजा न रहे तो हम उसे किस नज़र से देखते हैं आप समझ सकते हैं ।
राजनीति के तवे पर रोटियां सेंकने वालो को दोनों भाषाओं में से किसी से भी कोई लगाव नहीं है । आज हिन्दी दिवस के अवसर पर मैं आप सभी से इस शेर के साथ यह आग्रह करना चाहूँगा कि
"उनका जो काम है वह अहले सियासत जानें,
अपना पैग़ाम मुहब्बत है जहाँ तक पहुँचे...
आयोजन का संचालन हिन्दी व संस्कृत के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद मुस्तफा ने किया। इस अवसर पर कालेज के शिक्षकगणों में इश्तियाक अली एवं मोहम्मद हारून खान, हन्नान अहमद, संजीव उपाध्याय एवं निसार हसन खान आदि का विशेष सहयोग रहा ।
फ़ैयाज़ उद्दीन, शाहजहाँपुर
शाहजहाँपुर.
सोमवार को हिन्दी दिवस के अवसर पर इस्लामिया इण्टर कालेज, शाहजहाँपुर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के शिक्षकों ने अपने- अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर पर विचार रखते हुए हिन्दी प्रवक्ता डाक्टर मलिक असमत अली साहब ने कहा कि हिन्दी विश्व में बोली जाने वाली मात्र ऐसी भाषा है जो जिस प्रकार से बोली जाती है उसी प्रकार से लिखी भी जाती है। कालेज के प्रधानाचार्य मोहम्मद आमीन ने कहा कि हिन्दी दिवस एवं विश्व हिन्दी दिवस दो विभिन्न तिथियों में मनायी जाती है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने हिन्दी को राज भाषा का दर्जा दिया था. इसी कारण से 14 सितम्बर को भारत में हिन्दी दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया था।
10 जनवरी सन् 1975 को पहला विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन नागपुर में किया गया था, जिसके कारण 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में इस तिथि को मनाये जाने की घोषणा की थी।
मोहम्मद अफरोज़ खान ने अपने विचार में कहा कि हिन्दी व उर्दू दो अलग-अलग भाषाओं का एक संगम है जिनके रूप तो दो है मगर आत्मा एक ही है ।वास्तविकता यह है कि उर्दू और हिन्दी इन्सान की दो भुजाओं के समान है। एक भुजा उर्दू जो दाहिने तरफ़ से कार्य करती है और दूसरी भुजा हिन्दी जो बायें तरफ से कार्य करती है। ऐसी स्थिति में अगर इन्सान की एक भुजा न रहे तो हम उसे किस नज़र से देखते हैं आप समझ सकते हैं ।
राजनीति के तवे पर रोटियां सेंकने वालो को दोनों भाषाओं में से किसी से भी कोई लगाव नहीं है । आज हिन्दी दिवस के अवसर पर मैं आप सभी से इस शेर के साथ यह आग्रह करना चाहूँगा कि
"उनका जो काम है वह अहले सियासत जानें,
अपना पैग़ाम मुहब्बत है जहाँ तक पहुँचे...
आयोजन का संचालन हिन्दी व संस्कृत के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद मुस्तफा ने किया। इस अवसर पर कालेज के शिक्षकगणों में इश्तियाक अली एवं मोहम्मद हारून खान, हन्नान अहमद, संजीव उपाध्याय एवं निसार हसन खान आदि का विशेष सहयोग रहा ।
फ़ैयाज़ उद्दीन, शाहजहाँपुर