पलवल- जिले के उपमंडल होडल में सरकार की वादाखिलाफी के आशा वर्करों ने फिर शुरू किया धरना -प्रदर्शन
पलवल- जिले के उपमंडल होडल में सरकार की वादाखिलाफी के आशा वर्करों ने फिर शुरू किया धरना -प्रदर्शन
पलवल.
जिले के उपमंडल होडल में सरकार की वादाखिलाफी के आशा वर्करों ने फिर शुरू धरना -प्रदर्शन किया। आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया. ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ मानी जाने वाली आशा वर्करों की फिर से हड़ताल सुरु कर दी । आशा वर्करों का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगो को पूरा नहीं किया। तो वो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी। जिसकी ज़िम्मेदार स्वयं सरकार होगी।
सीटू से संबंधित आशा वर्कर यूनियन हरियाणा के जिले भर की आशा वर्करों की लगातार हड़ताल चल रही है। कुछ दिन पहले आशा वर्करों ने सरकार के नेताओं का आश्वाशन के बाद अपना धरना वापिस ले लिया था और सरकार को 15 दिनों का समय दिया है ! लेकिन आज फिर से होडल के रेस्ट हॉउस में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ! आशा वर्करों ने कहा की सरकार ने उनका आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है।

साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ वर्ष 2018 में एक समझौता हुआ था। जिसे सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है। जिसके कारण मजबूरी में आशा वर्करों को हड़ताल पर बैठना पड़ा है। उन्होंने कहा की सरकार ने नेताओं के आश्वाशन के बाद उन्होंने पिछले महीने अपना धरना वापिस ले लिया था और मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था ! क्यों की मुख्य मंत्री कोरोना पाजेटिव हो गए थे इसलिए उन्होंने यह धरना वापिस लिया था लेकिन अब उन्होंने हर ब्लाक स्तर यह धरना फिर से सुरु कर दिया है ! उन्होंने कहा की यह हालत तो तब है,

जब आशा वर्करों को सरकार द्वारा कोरोना योध्या घोषित किया हुआ है। आशा वर्कर यूनियन की उपप्रधान राज पांचाल का कहना है कि गत वर्ष तक उन्हें डी एन सी,एएनसी, डेथ बर्थ सर्टिफिकेट , हाउसहोल्ड सर्वे, ईसी कपल, बी एच एमसी आदि सर्विस इस पर 50% इंसेंटिव मिलता था जिसे अब बंद कर दिया गया है। उनकी मांग है कि सरकार उनकी इन 8 सेवाओं पर इंसेंटिव को दोबारा शुरू करें तथा वर्ष 2018 में लागू समझौते को तुरंत लागू करे। उन्होंने बताया की जो हमें 1000 रुपये मिलते थे.

वो भी कोविड 19 के चलते उन्हें बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा की सरकार ने हमें स्मार्ट फ़ोन देने का सरकार ने वादा किया। वो भी नहीं दिया गया। आशा वर्करों का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगो को पूरा नहीं किया। तो वो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी। जिसकी ज़िम्मेदार स्वयं सरकार होगी।
पलवल से ऋषि भारद्वाज की रिपोर्ट
पलवल.
जिले के उपमंडल होडल में सरकार की वादाखिलाफी के आशा वर्करों ने फिर शुरू धरना -प्रदर्शन किया। आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया. ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ मानी जाने वाली आशा वर्करों की फिर से हड़ताल सुरु कर दी । आशा वर्करों का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगो को पूरा नहीं किया। तो वो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी। जिसकी ज़िम्मेदार स्वयं सरकार होगी।
सीटू से संबंधित आशा वर्कर यूनियन हरियाणा के जिले भर की आशा वर्करों की लगातार हड़ताल चल रही है। कुछ दिन पहले आशा वर्करों ने सरकार के नेताओं का आश्वाशन के बाद अपना धरना वापिस ले लिया था और सरकार को 15 दिनों का समय दिया है ! लेकिन आज फिर से होडल के रेस्ट हॉउस में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ! आशा वर्करों ने कहा की सरकार ने उनका आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है।

साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ वर्ष 2018 में एक समझौता हुआ था। जिसे सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है। जिसके कारण मजबूरी में आशा वर्करों को हड़ताल पर बैठना पड़ा है। उन्होंने कहा की सरकार ने नेताओं के आश्वाशन के बाद उन्होंने पिछले महीने अपना धरना वापिस ले लिया था और मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था ! क्यों की मुख्य मंत्री कोरोना पाजेटिव हो गए थे इसलिए उन्होंने यह धरना वापिस लिया था लेकिन अब उन्होंने हर ब्लाक स्तर यह धरना फिर से सुरु कर दिया है ! उन्होंने कहा की यह हालत तो तब है,

जब आशा वर्करों को सरकार द्वारा कोरोना योध्या घोषित किया हुआ है। आशा वर्कर यूनियन की उपप्रधान राज पांचाल का कहना है कि गत वर्ष तक उन्हें डी एन सी,एएनसी, डेथ बर्थ सर्टिफिकेट , हाउसहोल्ड सर्वे, ईसी कपल, बी एच एमसी आदि सर्विस इस पर 50% इंसेंटिव मिलता था जिसे अब बंद कर दिया गया है। उनकी मांग है कि सरकार उनकी इन 8 सेवाओं पर इंसेंटिव को दोबारा शुरू करें तथा वर्ष 2018 में लागू समझौते को तुरंत लागू करे। उन्होंने बताया की जो हमें 1000 रुपये मिलते थे.

वो भी कोविड 19 के चलते उन्हें बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा की सरकार ने हमें स्मार्ट फ़ोन देने का सरकार ने वादा किया। वो भी नहीं दिया गया। आशा वर्करों का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगो को पूरा नहीं किया। तो वो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी। जिसकी ज़िम्मेदार स्वयं सरकार होगी।
पलवल से ऋषि भारद्वाज की रिपोर्ट