एक कोटेदार ऐसा भी -32 सालों से कोटेदार फिर भी नहीं बना पाए रहने के लिए छत
एक कोटेदार ऐसा भी -32 सालों से कोटेदार फिर भी नहीं बना पाए रहने के लिए छत
बांस की बल्लियों पर तिरपाल डाल कर करते है सरकारी राशन की सुरक्षा
शाहजहांपुर.
कांट विकास खंड के गांव बब्करपुर के रहने वाले नरेश सिंह लगातार 32सालो से सरकारी राशन की दुकान चला रहे हैं लेकिन रहने के लिए मकान नहीं बना पाए गांव में मात्र 4 बीघा जमीन है और पत्नी भी विकलांग है 1 पुत्र के साथ गांव में बने कच्चे मकान मैं जिंदगी गुजार रहे हैं और उसी में सरकारी राशन का वितरण का काम भी कर रहे हैं जो अगर तेज से बारिश आ जाए तो उस राशन को भेजने से कोई नहीं बचा पाएगा.
केदार नरेश सिंह से जब बात की आपने अभी तक अपने रहने का इंतजाम नहीं कर पाए तो उन्होंने जवाब दिया कि हम इमानदारी से राशन वितरण का काम करते हैं जो खेती में होता है वह खाने भर के लिए मुनासिब नहीं है और हमें सरकार की तरफ से भी कोई आवास वगैरह नहीं मिला. जिससे कि हम आराम से रहने लायक घर बना लेते. ग्रामीणों ने भी बताया कि कोटेदार निहायत ही गरीब है।
फ़ैयाज़ उद्दीन शाहजहाँपुर
बांस की बल्लियों पर तिरपाल डाल कर करते है सरकारी राशन की सुरक्षा
शाहजहांपुर.
कांट विकास खंड के गांव बब्करपुर के रहने वाले नरेश सिंह लगातार 32सालो से सरकारी राशन की दुकान चला रहे हैं लेकिन रहने के लिए मकान नहीं बना पाए गांव में मात्र 4 बीघा जमीन है और पत्नी भी विकलांग है 1 पुत्र के साथ गांव में बने कच्चे मकान मैं जिंदगी गुजार रहे हैं और उसी में सरकारी राशन का वितरण का काम भी कर रहे हैं जो अगर तेज से बारिश आ जाए तो उस राशन को भेजने से कोई नहीं बचा पाएगा.
केदार नरेश सिंह से जब बात की आपने अभी तक अपने रहने का इंतजाम नहीं कर पाए तो उन्होंने जवाब दिया कि हम इमानदारी से राशन वितरण का काम करते हैं जो खेती में होता है वह खाने भर के लिए मुनासिब नहीं है और हमें सरकार की तरफ से भी कोई आवास वगैरह नहीं मिला. जिससे कि हम आराम से रहने लायक घर बना लेते. ग्रामीणों ने भी बताया कि कोटेदार निहायत ही गरीब है।
फ़ैयाज़ उद्दीन शाहजहाँपुर