गोरखपुर के इस 'खूंखार' डॉन का साथी था ये बदमाश, आज भी कायम है इसकी सरकारी नौकरी
गोरखपुर के इस 'खूंखार' डॉन का साथी था ये बदमाश, आज भी कायम है इसकी सरकारी नौकरी
गोरखपुर।
शहर के कैंट के रेलवे कॉलोनी निवासी सत्यव्रत राय माफिया श्री प्रकाश शुक्ला का करीबी रहा है। सत्यव्रत राय ने अपराध की शुरुआत श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ ही की थी। कई मुकदमे में मुलजिम होने के बावजूद दोषी साबित न होने की वजह से उसको सरकारी नौकरी से आज भी बर्खास्त नहीं किया गया.
बता दें कि सत्यव्रत के ऊपर 16 मुकदमें दर्ज हैं। सभी मुकदमें गंभीर धाराओं में हैं। सत्यव्रत के खिलाफ 2013 में खोराबार थाने में हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं जिले के टॉप-10 बदमाशों की सूची में भी उसका नाम शामिल है। लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आज भी सत्यव्रत का नाम आते ही लोगों को श्रीप्रकाश शुक्ला की याद आ जाती है।

बता दें कि माफिया सत्यव्रत राय का करीबी रहे विनोद उपाध्याय को 18 जुलाई 2020 को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। विनोद और सत्यव्रत राय काफी करीबी रह चुके हैं, लेकिन जमीन और रुपयों के लेनदेन को लेकर दोनों में विवाद हो गया था।
ये हैं टॉप-10 बदमाश...
झंगहा थानाक्षेत्र के सुगहा निवासी राघवेंद्र यादव, बेलघाट के बहादुरपुर निवासी शैलेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मुन्नू, गुलरिहा के झुगिंया बाजार निवासी राकेश यादव, बांसगांव के धसका के राधेश्याम यादव उर्फ राधे यादव, कैंट के रेलवे कॉलोनी निवासी सत्यव्रत राय, खजनी के बसडीला निवासी सुभाष शर्मा, कैंट के बेतियाहाता के अजीत शाही, सहजनवां के मल्हीपुर पूर्व निवासी प्रदीप सिंह, शाहपुर के आदर्श नगर निवासी सुधीर सिंह और गोरखनाथ थानाक्षेत्र के धर्मशाला बाजार निवासी विनोद उपाध्याय।
संजय राजपूत
रीजनल एडिटर गोरखपुर
गोरखपुर।
शहर के कैंट के रेलवे कॉलोनी निवासी सत्यव्रत राय माफिया श्री प्रकाश शुक्ला का करीबी रहा है। सत्यव्रत राय ने अपराध की शुरुआत श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ ही की थी। कई मुकदमे में मुलजिम होने के बावजूद दोषी साबित न होने की वजह से उसको सरकारी नौकरी से आज भी बर्खास्त नहीं किया गया.
बता दें कि सत्यव्रत के ऊपर 16 मुकदमें दर्ज हैं। सभी मुकदमें गंभीर धाराओं में हैं। सत्यव्रत के खिलाफ 2013 में खोराबार थाने में हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं जिले के टॉप-10 बदमाशों की सूची में भी उसका नाम शामिल है। लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आज भी सत्यव्रत का नाम आते ही लोगों को श्रीप्रकाश शुक्ला की याद आ जाती है।

बता दें कि माफिया सत्यव्रत राय का करीबी रहे विनोद उपाध्याय को 18 जुलाई 2020 को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। विनोद और सत्यव्रत राय काफी करीबी रह चुके हैं, लेकिन जमीन और रुपयों के लेनदेन को लेकर दोनों में विवाद हो गया था।
ये हैं टॉप-10 बदमाश...
झंगहा थानाक्षेत्र के सुगहा निवासी राघवेंद्र यादव, बेलघाट के बहादुरपुर निवासी शैलेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मुन्नू, गुलरिहा के झुगिंया बाजार निवासी राकेश यादव, बांसगांव के धसका के राधेश्याम यादव उर्फ राधे यादव, कैंट के रेलवे कॉलोनी निवासी सत्यव्रत राय, खजनी के बसडीला निवासी सुभाष शर्मा, कैंट के बेतियाहाता के अजीत शाही, सहजनवां के मल्हीपुर पूर्व निवासी प्रदीप सिंह, शाहपुर के आदर्श नगर निवासी सुधीर सिंह और गोरखनाथ थानाक्षेत्र के धर्मशाला बाजार निवासी विनोद उपाध्याय।
संजय राजपूत
रीजनल एडिटर गोरखपुर