अयोध्या: प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे संशोधन की सुगबुगाहट को लेकर चर्चा जोरों पर
अयोध्या: प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे संशोधन की सुगबुगाहट को लेकर चर्चा जोरों पर
2 बच्चे से ज्यादा व कम पढ़े लिखे लोग, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे तो यह स्वागत योग्य होगा
अयोध्या।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर उठ रहे अटकलों का बाजार जोरों पर चर्चा का विषय बना हुआ है। जैसा कि आवाज उठ रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार अगले सत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बड़ा बदलाव के लिए विधेयक पेश करेगी । इसमें 2 से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगने के आसार हैं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार यदि यह कार्य करती है तो ऐतिहासिक फैसला माना जाएगा
इसी प्रकार अन्य संशोधन भी किया जाए जिसके आधार पर आम लोग बढ़ती जनसंख्या पर स्वयं नियंत्रण करने के लिए बाध्य हो। ज्यादा बच्चे वालों को सरकारी सुविधा अनुदान सहायता से वंचित कर देना भी न्याय संगत होगा। क्योंकि देश में सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या ही है। जनसंख्या के माने में उत्तर प्रदेश ही नहीं भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है।
यदि 2 बच्चों से ज्यादा वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य घोषित होंगे तो यह ऐतिहासिक कदम होगा। वहीं पर पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय होगी । जिससे अंगूठा छाप लोग वंचित हो जाएंगे । यह और भी अच्छा होगा। इसी तरह यदि शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों से ज्यादा वाले सांसद और विधायक के लिए भी कानून पास हो जाए तो और स्वागत योग्य होगा।
प्रस्तावित पंचायती राज संशोधन कानून त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से पहले ही नया कानून को लेकर 2 बच्चों से ज्यादा वालों के मस्तक पर चिंता की लकीर दिखाई पड़ता रही है।
अयोध्या जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। तैयारी के अभाव में समय सीमा पर चुनाव हो पाना संभव नहीं है। जिसके लिए सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। और अब 6 माह के लिए चुनाव टाला जाना ही एक विकल्प दिखाई पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ पंचायती राज संशोधन प्रस्तावित नए कानून जिसके तहत दो बच्चों से ज्यादा बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और शिक्षा का भी पाबंदी रहेगी। इसको लेकर ग्रामीण अंचल में चर्चा चल रही है। 2 बच्चे से ज्यादा वाले संभावित प्रत्याशी के मस्तक पर चिंता की लकीर दिखाई पड़ रही है। वहीं आमजन इस प्रस्तावित कानून को लेकर काफी उत्साहित है। और स्वागत योग्य मान रहे हैं। कह रहे है कि ऐसे ही कानून सरकार को बनाना चाहिए । यह बात जनता के बीच उठ रही है।
कोरोना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश में तय समय पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी नहीं हो पाई है. अब अगले साल अप्रैल में होने के आसार हैं। जैसा कि समय सीमा के अनुसार पहले दिसंबर में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना था। किंतु अब ऐसा संभव नहीं दिख रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकार अगले सत्र में पंचायती राज संशोधन विधेयक पेश करेगी। जिस कारण चर्चा जोरों पर है।
देव बक्श वर्मा अयोध्या
2 बच्चे से ज्यादा व कम पढ़े लिखे लोग, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे तो यह स्वागत योग्य होगा
अयोध्या।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर उठ रहे अटकलों का बाजार जोरों पर चर्चा का विषय बना हुआ है। जैसा कि आवाज उठ रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार अगले सत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बड़ा बदलाव के लिए विधेयक पेश करेगी । इसमें 2 से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगने के आसार हैं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार यदि यह कार्य करती है तो ऐतिहासिक फैसला माना जाएगा
इसी प्रकार अन्य संशोधन भी किया जाए जिसके आधार पर आम लोग बढ़ती जनसंख्या पर स्वयं नियंत्रण करने के लिए बाध्य हो। ज्यादा बच्चे वालों को सरकारी सुविधा अनुदान सहायता से वंचित कर देना भी न्याय संगत होगा। क्योंकि देश में सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या ही है। जनसंख्या के माने में उत्तर प्रदेश ही नहीं भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है।
यदि 2 बच्चों से ज्यादा वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य घोषित होंगे तो यह ऐतिहासिक कदम होगा। वहीं पर पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय होगी । जिससे अंगूठा छाप लोग वंचित हो जाएंगे । यह और भी अच्छा होगा। इसी तरह यदि शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों से ज्यादा वाले सांसद और विधायक के लिए भी कानून पास हो जाए तो और स्वागत योग्य होगा।
प्रस्तावित पंचायती राज संशोधन कानून त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से पहले ही नया कानून को लेकर 2 बच्चों से ज्यादा वालों के मस्तक पर चिंता की लकीर दिखाई पड़ता रही है।
अयोध्या जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। तैयारी के अभाव में समय सीमा पर चुनाव हो पाना संभव नहीं है। जिसके लिए सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। और अब 6 माह के लिए चुनाव टाला जाना ही एक विकल्प दिखाई पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ पंचायती राज संशोधन प्रस्तावित नए कानून जिसके तहत दो बच्चों से ज्यादा बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और शिक्षा का भी पाबंदी रहेगी। इसको लेकर ग्रामीण अंचल में चर्चा चल रही है। 2 बच्चे से ज्यादा वाले संभावित प्रत्याशी के मस्तक पर चिंता की लकीर दिखाई पड़ रही है। वहीं आमजन इस प्रस्तावित कानून को लेकर काफी उत्साहित है। और स्वागत योग्य मान रहे हैं। कह रहे है कि ऐसे ही कानून सरकार को बनाना चाहिए । यह बात जनता के बीच उठ रही है।
कोरोना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश में तय समय पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी नहीं हो पाई है. अब अगले साल अप्रैल में होने के आसार हैं। जैसा कि समय सीमा के अनुसार पहले दिसंबर में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना था। किंतु अब ऐसा संभव नहीं दिख रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकार अगले सत्र में पंचायती राज संशोधन विधेयक पेश करेगी। जिस कारण चर्चा जोरों पर है।
देव बक्श वर्मा अयोध्या