आईएनए रिपोर्टर से बातकर फफक पड़े श्रमिको की आंखों से ख़ुशी के आंसू
आईएनए रिपोर्टर से बातकर फफक पड़े श्रमिको की आंखों से ख़ुशी के आंसू
(छत्तीसगढ़ के 38 प्रवासी मजदूरों को प्रशासन ने बस द्वारा भेजा घर)
यमुनानगर। कोरोना वायरस की वजह से ट्विन सिटी में फंसे छत्तीस गढ़ के 38 प्रवासी मजदूरों को प्रशासन द्वारा रविवार को जिला सचिवालय से बस द्वारा उनके घर भेज दिया गया। प्रवासी मजदूरों को बस द्वारा गुरुग्राम भेजा गया है। जहां से शाम को उन्हें ट्रेन द्वारा उनके घर के लिए रवाना किया जाएगा। प्रवासी मजदूरों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके अपने घर जाने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद प्रशासन द्वारा उन्हें भेजने के लिए प्रबंध किए
हैं।
----
प्रवासी मजदूरों की पहले की गयी स्क्रीनिंग
जिला प्रशासन द्वारा घर भेजे गए प्रवासी मजदूरों की पहले स्क्रीनिंग करके मेडिकल जांच की गई। इसके बाद मजदूरों को सोशल डिस्टेंंसिग के तहत बस में
बिठाया गया। इस दौरान बस को भी सेनेटाइज किया गया। बस में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के 38 मजदूर सवार हुए। इस दौरान प्रवासी मजदूरों को रास्ते
के लिए शहर की शांति फाउंडेशन समेत अन्य सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं द्वारा भोजन के पैकेट व पीने के पानी की बोतलें वितरित की गई। प्रवासी मजदूरों को गुडग़ांव के लिए रवाना किया गया है। बताया गया है कि प्रवासी मजदूरों की शाम को गुरुग्राम से ट्रेन है। जिन्हें ट्रेन द्वारा उनके घर के लिए रवाना किया जाएगा।
-----
-प्रवासी मजदूरों के खिले चेहरे
रविवार को छत्तीस गढ़ के प्रवासी मजदूरों के पास जैसे ही आईएनए की टीम पहुंची तो रिपोर्टर से बातकर श्रमिको की आंखों से ख़ुशी के आंसू छलक उठे। प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वह पिछले करीब तीन
महीने से बेकार बैठे थे। उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था। जिसके बाद उन्होंने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाकर अपने घर लौटने की इच्छा जताई थी। उन्होंने उनके घर भेजे जाने पर प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
राकेश भारतीय